इंडियन पेनल कोड की धारा 29 से धारा 33

इंडियन पेनल कोड की धारा 29 से धारा 33 तक को सामान्य भाषा के शब्दों में परिभाषित किया गया है जो आसानी से लॉ स्टूडेंट के द्वारा समझी जा सकती हैं

धारा 29 दस्तावेज [Document] 

“Document”.- The word “document” denotes any matter expressed or described upon any substance by means of letters, figures, or marks, or by more than one of those means, intended to be used, or which may be used, as evidence of that matter.

दस्तावेज माना जाएगा यदि किसी पदार्थ पर अक्षरों,अंको चिन्हों द्वारा जिनमें से एक से अधिक माध्यम द्वारा इस आशय से अंकित किया गया है जिससे उसे पढ़ा जा सके और साक्ष्य के रूप में उसे उपयोग किया जा सके

धारा 29 के अंतर्गत निम्नलिखित को माना जाएगा

  • आयकर विभाग का जारी किया हुआ करनिर्धारण का आदेश
  • विदेशों को किए गए टेलीफोन रसीद
  • सरकारी विभागों द्वारा जारी पत्र आदि

 29 क इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख[ Electronic record]

Electronic record”.- The words “electronic record” shall have the meaning assigned to them in clause (t) of sub-section (1) of section 2 of the Information Technology Act, 2000.]

इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को परिभाषित करती है इस धारा को सूचना प्रेाेघोगिकी अधिनियम द्वारा प्रतिस्थापित किया गया इस धारा का अर्थ वही होगा जो सूचना प्रेाेघोगिकी अधिनियम  की धारा 2 (1) की में समनुदेशित किया गया है इस धारा को सूचना प्रेाेघोगिकी अधिनियम  2000 की अनुसूची एक की धारा 91 द्वारा स्थापित किया गया है

धारा 30 मूल्यवान प्रतिभूति [valuable security]

Valuable security”- The words “valuable security” denote a document which is, or purports to be, a document whereby any legal right is created, extended, transferred, restricted, extinguished or released, or where by any person acknowledges that he lies under legal liability, or has not a certain legal right.

मूल्यवान प्रतिभूति एक ऐसा दस्तावेज है जिसके माध्यम से किसी अधिकार का निर्वाचन अंतरण किया जाता है या इस दस्तावेज के माध्यम से यह स्वीकार करता है अधिकार नहीं रखता है मूल्यवान प्रतिभूति के उदाहरण

  •  पासपोर्ट
  •  तलाक विलेख
  •  हुंडी
  •  किरायानामा
  • हिसाब किताब का निपटारा पत्र
  • लाटरी टिकट विनियम पत्र
  • और मोचन पत्र इत्यादि

धारा 31 – विल  [Wil] “A will”- The words “a will” denote any testamentary document

विल शब्द का सामान्य भाषा में अर्थ वसीयत या इच्छा पत्र से होता है सादे कागज या रजिस्ट्रीकरण द्वारा किया जा सकता है विल समूह के मुखिया द्वारा समूह सदस्यों को संबोधित करते हुए संपत्ति का अंतरण किया जाता है बिल समूह के मुखिया की मृत्यु के उपरांत लागू होती है

धारा 32 – कार्यों का निर्देश करने वाले शब्द [Word referring to act include illegal Omissions]

In every part of this Code, except where a contrary intention appear from the context, words which refer to acts done extend also to illegal omissions.

कार्यों का निर्देश करने वाले शब्दों के अंतर्गत अवैध लोप आता है यह धारा स्पष्ट करती है कि भारतीय दंड संहिता में जहां कहीं भी कार्यों के बारे में वर्णन किया गया है विद्रोह पर भी लागू होती है जब तक  इसके विपरीत आशय प्रकट ना कर दिया गया हो

धारा 33 – “कार्य’ लोप”[Act and omission]

The word ‘’act’’ denotes as well as a series of act as a single act the word ‘’omission’’ denotes as well as a series of omissions as a single omission.

“कार्य’ लोप” , भारतीय दंड संहिता की धारा 33 यह स्पष्ट करती है कि कार्य में ना केवल एकल कार्य सम्मिलित है थे बल्कि एक ही संववहार में निर्मित करने वाली विभिन्न कार्यों की श्रंखला का भी समावेश है इसी तरह अवैध लोप में लोगों की श्रंखला  सम्मिलित  मानी जाएगी