कब निर्वसीयती सम्पत्ति सरकार में चली जाती है
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NEW DELHI:-हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यदि किसी हिंदू व्यक्ति की संपत्ति है और यदि वे वसीयत किए बिना मर जाता है और उसका कोई उत्तराधिकारी मौजूद नहीं है तब ऐसी संपत्ति को सरकार द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है और वह संपत्ति सरकार चली जाती है
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 29 के प्रावधानों के अनुसार यदि हिंदू मृतक अनुसूची 1 व 2 में उल्लिखित उत्तराधिकारी अधिकारियों को अपने पीछे नहीं छोड़ता है तब ऐसी संपत्ति सरकार की उत्तराधिकारिता में आ जाती है
सरकार भी उस संपत्ति को ऐसे ही पाती है जैसे उस संपत्ति को उत्तराधिकारी प्राप्त करता है
कुछ सामान्य परिस्थितियों में यदि किसी संपत्ति के उत्तराधिकारी द्वारा संपत्ति को त्याग दिया जाता है तो ऐसी परिस्थिति में भी संपत्ति राज्य सरकार को चली जाती है
संबंधित वाद
बिहार राज्य बनाम राधा कृष्ण सिंह ए आई आर 1983 सुप्रीम कोर्ट 684 के वाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्धारित करते हुए कहा कि जब यह भली-भांति स्थापित हो चुका है जब कहीं किसी संपत्ति को राजगामी उत्तराधिकारिता ग्रहण की जाती है तो सबूत का वह राज्य सरकार पर होता है कि वे साबित करें कि उस संपत्ति का कोई उत्तराधिकारी मौजूद नहीं है राज्य सरकार द्वारा सूचना निकलवा कर इत्तला देना पड़ती है और यदि कोई उत्तराधिकारी नहीं मिलता है तब ऐसी स्थिति में राज्य सरकार उस संपत्ति की उत्तराधिकारी मानी जाती है
न्यायालय सामान्य रूप से किसी संपत्ति को राजगामी होना नहीं ठहरायेगा जब तक कि इसके लिए आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर दिया जाता है
न्यायालय को चाहिए कि वे सरकार के द्वारा ग्रहण की गई संपत्ति को पूर्णता जांच करें कि संपत्ति का कोई भी उत्तराधिकारी मौजूद नहीं है|