धारा 23 सदोष अभिलाभ सदोष हानि

By: IQBAL 
धारा 23 सदोष अभिलाभ – विधि विरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी संपत्ति का अभिलाभ है जिसका अवैध रूप से हकदार अभिलाभ प्राप्त करने वाला व्यक्ति ना हो सदोष अभिलाभ के लिए किसी संपत्ति के स्वामी को उससे सम्पति से अलग कर दिया जाना आवश्यक माना जाता है

सदोष हानि – विधि विरुद्ध साधनों द्वारा किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से अलग करना सदोष हानि है

रमेश की संपत्ति से रितेश विधि विरुद्ध साधनों के माध्यम से किसी लाभ को अर्जित करता है लाभ को अर्जित करते समय रितेश रमेश को उसकी संपत्ति से अलग कर देता है यह लाभ रितेश को सदोष लाभ के रूप में प्राप्त होता है
सदोष अभिलाभ कहलाता है

इसी पैराग्राफ में रमेश को सदोष हानि हुई है क्यूंकि रमेश को उसकी हक़दार सम्पत्ति से अलग किया गया है

धारा 24-

बेईमानी से – “जो कोई इस आशय से कोई कार्य करता है कि एक व्यक्ति को सदोष लाभ या अन्य व्यक्ति को सदोष हानि कारित करें वह उस कार्य को बेईमानी से करता है यह कहा जाता है कि उसने बेईमानी से कार्य किया है

मिसाल के तौर पर दिखिये – राम और श्याम आपस में एक संपत्ति को लेकर झगड़ा कर रहे थे l रास्ते से रमेश गुजर रहा था
राम और श्याम दोनों रमेश को लेकर आपस में सुलाह करते हैं रमेश राम को लाभ और श्याम को हानि कर देता है यह रमेश के द्वारा बेईमानी से किया गया कार्य है