पेटेंट रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

HAMNA

NEW DELHI N:- किसी आविष्कारकर्ता द्वारा अविष्कार किया जाता है तो वह अपने अविष्कार को पेटेंट अधिनियम 1970 के द्वारा दी गई प्रक्रिया को अपनाकर अपने अविष्कार को पंजीकृत करवा सकता है

एकस्व अधिकार [पेटेंट ]प्राप्त करने के लिये पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 6(1)के अनुसार,
धारा 134 के प्रावधानों के अधीन रहते हुए निर्धारित प्रारूप के अंतर्गत नियंत्रण को को प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं|

ऐसा कोई भी व्यक्ति जो वास्तविक अविष्कार का समनुदेशन ग्रहीता (assignee) है|

ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी अविष्कार का वास्तविक प्रथम अविष्कारकर्ता है|

ऐसा कोई भी व्यक्ति जो प्रार्थना पत्र पेश करने के हकदार मृतक व्यक्ति का कानूनी प्रतिनिधि हो|

इस प्रकार, किसी अविष्कारकर्ता का प्रतिनिधि भी पेटेंट प्राप्त करने के लिये आवेदन कर सकता है|

ऐसा प्रार्थना पत्र वह अकेले या किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर संयुक्त रूप से भी पेश कर सकते हैं|

शाइनिंग इंडस्ट्रीज बनाम श्री कृष्ण इंडस्ट्रीज AIR 1975 में यह निर्णय दिया गया था कि एक फार्म समनुदेशन ग्रहीता (assignee) की हैसियत से पेटेंट प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकती है|

पेटेंट प्राप्त करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया :-

पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 6 से 11 तक में वर्णित की गई है, इस प्रक्रिया का पालन करते हुए कोई अविष्कारकर्ता पेटेंट अधिकार की मांग नियंत्रण से निम्न प्रकार कर सकता है:-

प्रार्थना पत्र पेश करना:-

पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 6 से 11 तक में उन शर्तों की सूची दी गई है जिन की पूर्ति प्रार्थना पत्र पेश करने से पहले होनी आवश्यक है|

धारा 6 में इन व्यक्तियों का वर्णन किया गया है जो प्रार्थना पत्र पेश कर सकते हैं|

धारा 7 में पेटेंट के प्रार्थना पत्र देने के प्रारूप का वर्णन किया गया है|

धारा 8 में विदेशी प्रार्थना पत्र के मामले में सूचनाओं तथा वचनों का वर्णन किया गया है|

धारा 9 और 10 में अंतिम तथा पूर्ण निर्देशन का वर्णन है जो प्रार्थना पत्र को लिखते समय भरने पड़ते हैं|

पध्दति में प्रथम प्रार्थना पत्र देने वाला :- यह परिनियम प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर आधारित है जो पहले आएगा उसकी सेवा पहले की जाएगी (फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व )इसका तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति पेटेंट के लिए पहले प्रार्थना पत्र पेश करेगा वोही पेटेंट का हक़दार होगा|

उदाहरण के लिए जहां कोई व्यक्ति सबसे पहले खोज करता है, लेकिन पेटेंट के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं करता है दूसरा अन्य व्यक्ति जो खोज उसके बाद करता है, लेकिन पेटेंट के लिए प्रार्थना पत्र पहले पेश करता है, तो पहले प्रार्थना पत्र पेश करने वाले व्यक्ति को पेटेंट प्रदान कर दिया जाएगा|

वास्तविक तथा प्रथम खोज का तात्पर्य :-
एक व्यक्ति जो अपने विचारों में क्रांति लगाकर विज्ञान के सिद्धांतों की खोज करता है, वही व्यक्ति वास्तविक तथा खोज करने वाला व्यक्ति माना जाता है, एक व्यक्ति जो अपने विचारों की संसूचना देता है वास्तविक तथा प्रथम खोज करने वाला व्यक्ति नहीं माना जाता है|

जब तक अन्यथा संविदा ना हो एक कर्मचारी सेवा अवधि में नियोक्ता के खर्चे पर कोई खोज करता है, तो वह पेटेंट पाने का अधिकारी होता है, लेकिन यदि प्रयोगशाला में खोज करने के लिए व्यक्तियों की नियुक्ति की जाती है, तो ऐसी परिस्थिति में वह कर्मचारी पेटेंट पाने का अधिकारी नहीं होगा|

प्रार्थना पत्र का प्रारूप :-
पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 7(1) के अंतर्गत प्रत्येक खोज के लिए अलग-अलग निर्धारित प्रारूप में प्रार्थना पत्र पेश करना पड़ता है|
पेटेंट के प्रारूप का प्रार्थना पत्र कार्यालय से या कार्यालय की वेबसाइट से प्राप्त करके उसे भरकर कार्यालय में पेश करना पड़ता है|
धारा 7(2)के अनुसार यदि प्रार्थना पत्र सामान्य व्यक्ति द्वारा पेश किया जाता है तो उसको समानुदेशन सत्यापन भी प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करना पड़ता है|

धारा 7(3)के अनुसार प्रार्थना पत्र लगाने वाला व्यक्ति को यह लिखना पड़ता है कि खोज उस व्यक्ति के कब्जे में है, उस व्यक्ति का नाम भी लिखना पड़ता है जो व्यक्ति प्रथम खोज का दावा करता है|

धारा 7(4) का कहना है कि भारत के नागरिक द्वारा पेश किया गया प्रार्थना पत्र अंतिम या पूर्ण हो सकता है|
यह धारा यह भी प्रावधान करती है कि यदि प्रार्थना पत्र किसी विदेशी मित्र देश के व्यक्ति द्वारा पेश किया जाता है तो पूर्ण विनिर्दिष्ट के होना चाहिए|

धारा 8 में विदेशी प्रार्थना पत्र पेश करने के लिए विशेष प्रावधान वर्णित है|

धारा 9 विनिर्दिष्ट तथा धारा 10 पूर्ण विनिर्दिष्ट के प्रावधानों से संबंधित है|

प्रार्थना पत्र की जांच :- धारा 12 (1) के अनुसार जब किसी पेटेंट को प्राप्त करने के लिए प्रार्थना पत्र के संबंध में पूर्ण विनिर्दिष्ट पेश किया जाता है, तब प्रार्थना पत्र और उससे संबंधित विनिर्दिष्ट नियंत्रण द्वारा पेटेंट परीक्षण का निर्देश करेगा जो पेटेंट प्रार्थना पत्र की जांच निम्नलिखित तथ्यों के अवलोकन करने के लिए करता है|

क्या प्रार्थना पत्र अधिनियम तथा नियमावली की औपचारिकताओं को पूरा करता है|

क्या पेटेंट प्रदान करने में किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति है|

क्या खोज पहले प्रकाशित हो चुकी है या खोज का कोई अन्य व्यक्ति दावेदार है|

ऐसा परीक्षक जिसे धारा 12 की उपधारा (1)के अंतर्गत प्रार्थना पत्र और पूर्व विनिर्दिष्ट निर्देश दिया गया है,
साधारणत: का नियंत्रक को 18 माह के भीतर ऐसे निर्देश पर अपनी रिपोर्ट देगा|