लूट(Robbery) और डकैती (Dacoity) – एडवोकेट हिमानी शर्मा 

New Delhi :- न्यायिक सेवा मुख्य परीक्षा टेस्ट सीरीज टेस्ट 6 एडवोकेट हिमानी शर्मा ,बागपत (यू.पी.)जुडीशल सर्विस अस्पिरेट्स के द्वारा लिखा हुआ उत्तर पढ़ें और कमेंट  करें

लूट(Robbery) और डकैती (Dacoity)
प्रश्न 1. लूट के आवश्यक तत्व क्या है? इसे कब डकैती कहा जाता है?
यदि उपर्युक्त अपराध करते हुए अपराधी किसी की मृत्यु कारित कर देता है तो उसे किस अपराध का दोषी माना जाएगा ? (500 शब्द)

उत्तर- भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 390 में लूट को परिभाषित किया गया है।
लूट की परिभाषा- धारा -390 के अनुसार , प्रत्येक प्रकार की लूट में या तो चोरी या उद्यापन शामिल होता है ।

लूट के आवश्यक तत्व-

1. चोरी
2. उद्यापन

(1) चोरी कब लूट है- चोरी तब लूट है ,जब चोरी करने के लिए या चोरी करके संपत्ति ले जाने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु / उपहति या सदोष अवरोध का भय दिखाया जाए।
यह चोरी को लूट में परिवर्तित कर देता है।

अपराधी का उद्देश्य- .

1.चोरी करने के लिए
2.चोरी करने के दौरान
3.चोरी द्वारा प्राप्त संपत्ति ले जाना।
4.अपराधी का स्वेच्छा इस उद्देश्य से किसी व्यक्ति की-
(1) मृत्यु /उपहति /सदोष अवरोध या
(2) तत्काल- मृत्यु /उपहति / सदोष अवरोध का भय कारित करना या प्रयास करना

(2). उद्यापन कब लूट है- उद्यापन तब लूट माना जाएगा,जब अपराधी उद्यापन करते समय भय में डाले गए व्यक्ति की मौजूदगी में है और उस व्यक्ति को-
1. स्वयं उसकी या किसी दूसरे की
2. तत्काल -मृत्यु /उपहति /सदोष अवरोध के भय में डालता है
3. भय में डाले गए व्यक्ति को उद्यापन की जाने वाली वस्तु उसी समय अौर उसी जगह देने के लिए प्रेरित करता है ।

स्पष्टीकरण- अपराधी उपस्थित हुआ माना जाएगा यदि वह उस दूसरे व्यक्ति को तत्काल मृत्यु /उपहति /सदोष अवरोध के भय में डालने के लिए पर्याप्त रूप से उसके पास है।

उदाहरण- ‘क’ ‘य’ को सड़क पर मिलता है, एक पिस्तौल दिखाता है और ‘य’ की थैली मांगता है।
फलस्वरुप ‘य’ अपनी थैली दे देता है।
यहां ‘क ‘ने ‘य’ को तत्काल चोट का भय दिखाकर थैली उद्यापित की है उस समय में उसकी उपस्थिति में है।
अतः ‘क’ ने लूट की है ।

* इसे कब डकैती कहा जाता है अर्थात लूट कब डकैती होती है?
प्रत्येक ऐसी लूट डकैती मानी जाती है जिसके करने में 5 या 5 से अधिक व्यक्ति भाग लेते हैं।
नोट- यह आवश्यक नहीं है कि ऐसे लूट में सभी पांचों व्यक्ति सक्रिय रूप से भाग ले बल्कि उनमें से कुछ अपराध कर सकते हैं और कुछ उनकी मदद कर सकते हैं।

* यदि उपर्युक्त अपराध करते हुए अपराधी किसी की मृत्यु कारित कर दे तो उसे किस अपराध का दोषी माना जाएगा ?
यदि उपर्युक्त अपराध करते हुए अपराधी किसी की मृत्यु कारित कर देता है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 396 के अंतर्गत हत्या सहित डकैती के अपराध का दोषी माना जाएगा

धारा 396- हत्या सहित डकैती- यदि 5 या अधिक व्यक्तियों में से जो संयुक्त होकर डकैती कर रहे हो, कोई एक व्यक्ति इस प्रकार डकैती करने में हत्या कर देता है तो उस समूह का प्रत्येक व्यक्ति हत्या के लिए उत्तरदाई होगा।

उनमें से हर व्यक्ति मृत्यु / आजीवन कारावास या कठिन कारावास जिसकी अवधि 10 वर्ष की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।


प्रश्न 2. लूट तथा डकैती में अंतर स्पष्ट कीजिए?

उत्तर. भारतीय दंड संहिता 1860 के अध्याय- 17 जो कि संपत्ति विरुद्ध अपराधों के विषय में है , में लूट तथा डकैती के अपराधों को परिभाषित किया गया है ।

लूट तथा डकैती में निम्नलिखित अंतर है-
(1) भारतीय दंड संहिता 1860की धारा- 390 में लूट को परिभाषित किया गया है,जबकि डकैती को धारा 391 में परिभाषित किया गया है।

(2) लूट चोरी या उद्यापन दोनों का गुरुतर स्वरूप है
जबकि डकैती लूट का गुरुतर स्वरूप है।
(3) लूट एक व्यक्ति के द्वारा भी की जा सकती है,जबकि
5 या 5 से ज्यादा लोग इकट्ठे होकर ही डकैती करते हैं।
(4) प्रत्येक डकैती लूट है,जबकि प्रत्येक लूट डकैती नहीं है।
(5) लूट के लिए दंड- धारा 392- कठिन कारावास जो 10 वर्ष तक हो सकेगा व जुर्माना
नोट- यदि राजमार्ग पर सूर्यास्त व सूर्योदय के बीच लूट की जाए तो कारावास 14 वर्ष तक हो सकेगा। जबकि डकैती के लिए दंड- धारा 395 के अनुसार -जो कोई डकैती करेगा वह आजीवन कारावास से या कठिन कारावास से जिसकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।